जब वे कक्ष से बाहर
चढ़ रहे थे, अवसाद की फुसफुसाहटें धीरे-धीरे हल्की होने लगीं, हालांकि वे पूरी तरह
से गायब नहीं हुईं।
“हम अभी तक पूरे
नहीं हुए,” मीरा ने कहा, उसकी आवाज़ स्थिर थी। “लेकिन हमने पहला कदम उठाया है।”
रिया ने सिर हिलाया,
उस टुकड़े को कसकर पकड़े हुए। “और हम बाकी कदम भी साथ उठाएंगे।”
किरन मुस्कराया,
हालांकि उसकी आँखों में थोड़ी सी चिंता की झलक थी। “मैं बस यह उम्मीद कर रहा हूं
कि अगला चुनौती हमें हमारे ही दुष्ट रूपों से न लड़े।”
तीन की हंसी गूंज
उठी, और उनका संबंध पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गया था। भविष्य में जो भी
चुनौतियां सामने आएं, वे एक बात को लेकर निश्चिंत थे: एक साथ, वे अवसाद के किसी भी
खतरे का सामना कर सकते थे।
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