लुमिनल क्षेत्र की
यात्रा पहले से तेज़ थी। टुकड़े के मार्गदर्शन से उन्होंने पृथ्वी को आसानी से पार
किया और क्षेत्र के एक ऐसे हिस्से में पहुंचे जिसे उन्होंने पहले नहीं देखा था।
अब उस स्थान पर चमकते
क्रिस्टल और लुमिनस धाराएँ नहीं थीं। यह नया क्षेत्र अंधेरे में डूबा हुआ था,
दीवारें कटी-फटी, ऑब्सीडियन जैसे पत्थरों से सजी थीं। धुंधली, बायोल्यूमिनसेंट
फफूंदी दरारों में चिपकी हुई थी, जो एक रहस्यमयी नीली आभा छोड़ रही थी।
“यह… अलग है,” मीरा
ने धीमी आवाज में कहा।
“हां, बिल्कुल,”
किरन ने बड़बड़ाया। “लगता है जैसे लुमिनल क्षेत्र की छाया हो।”
मार्ग उन्हें एक
विशाल गुफा में ले गया। इसके केंद्र में एक ऊँची संरचना खड़ी थी—एक मीनार जो
पारदर्शी पत्थर से बनी थी, ऊपर की ओर घुमावदार और हल्की चमक से धड़क रही थी। इसके आधार
पर वही चिन्ह थे, जिसे उन्होंने पहले देखा था।
“जो भी यहाँ है, यह
महत्वपूर्ण है,” रिया ने कहा, आगे बढ़ते हुए।
जैसे ही वे पास
पहुंचे, हवा और ठंडी हो गई। एक गहरी, लयबद्ध धड़कन गुफा में गूंजने लगी, और उनके
हाथों में टुकड़े प्रतिक्रिया स्वरूप कंपन करने लगे।
मीरा मीनार के पास
झुकी, और उसने धूल को हटा कर एक खुदाई की। शब्द एक लिपि में थे जिसे वे नहीं पढ़
सकते थे, लेकिन जैसे ही उसने अपनी उँगलियों से उन्हें छुआ, टुकड़े और अधिक चमकने
लगे।
“यह जैसे… हमारे
सक्रिय करने का इंतजार कर रहा है,” मीरा ने कहा।
किरन ने अपनी भौंहें
सिकोड़ते हुए पूछा, “तो हम इसे कैसे सक्रिय करें?”
उत्तर बिना किसी
इशारे के आया। रिया ने महसूस किया कि उसका टुकड़ा मीनार की ओर खिंच रहा था, और
बिना किसी हिचकिचाहट के, उसने उसे पत्थर पर दबा दिया। मीरा और किरन ने भी उसका
अनुसरण किया, और गुफा अचानक रोशनी से भर गई।