अधिभाव की पुरस्कार – अध्याय 12

जैसे ही कक्ष घुलकर समाप्त हुआ, त्रयी फिर से हार्टस्टोन के सामने खड़ी पाई गई। इसका टूटा हुआ सतह अब एक समतल, चमकदार मोनोलिथ में बदल चुका था, जो शांति देने वाली रोशनी की लहरें फैला रहा था। सेलान इसके पास खड़ा था, उसका क्रिस्टलनुमा रूप पहले से भी अधिक चमक रहा था।

“तुमने वह किया है जो बहुत कम लोग कर सकते हैं,” सेलान ने कहा, उसकी आवाज़ में प्रशंसा थी। “हार्टस्टोन पुनः स्थापित हो गया है, और लुमिनल क्षेत्र फिर से सांस ले रहा है। तुम्हारी बहादुरी, जिज्ञासा, और निष्ठा के लिए, तुममें से प्रत्येक को एक उपहार दिया जाएगा।”

हार्टस्टोन की लहरनुमा धड़कन से तीन छोटे, चमकते हुए टुकड़े निकल कर रिया, मीरा और किरण के सामने मंडराने लगे।

“ये टुकड़े हार्टस्टोन के अंश हैं,” सेलान ने समझाया। “ये इस क्षेत्र का सार लेकर आते हैं। जब तक तुम इन्हें अपने पास रखोगे, तुम लुमिनल क्षेत्र से जुड़े रहोगे। ये तुम्हें उन गुणों से संबंधित क्षमताएँ प्रदान करेंगे, जिन्हें तुम व्यक्त करते हो।”

रिया ने अपना टुकड़ा लिया और उसे छुआ। उसके भीतर एक गर्माहट फैलने लगी, और उसने महसूस किया कि एक नई आत्मविश्वास की भावना उसके भीतर खिल रही है। “यह क्या करता है?” उसने पूछा।

“तुम्हारे लिए, रिया,” सेलान ने कहा, “यह टुकड़ा तुम्हारी बहादुरी को बढ़ाता है, जिससे तुम सबसे बड़े डर का भी सामना बिना हिचकिचाहट के कर सकोगी। यह तुम्हें अनिश्चितता के क्षणों में मार्गदर्शन भी करेगा।”

मीरा ने अपना टुकड़ा लिया, और जब वह उसकी हथेली में चमका, तो उसे स्पष्टता का एक झरना महसूस हुआ। “और मेरे लिए?”

“तुम्हारे लिए, यह तुम्हारे दिमाग को तेज़ करता है और तुम्हारी सहज बुद्धि को ऊंचा करता है, जिससे तुम उन समाधान को देख पाओगी जहाँ दूसरों को केवल बाधाएँ दिखती हैं। यह तुम्हें अज्ञात में छिपी सच्चाइयों को उजागर करने में मदद करेगा।”

किरण ने थोड़ी देर सोचने के बाद अपना टुकड़ा पकड़ा। उसकी नसों में ताकत का एक धड़कता हुआ अहसास दौड़ा, जो स्थिर और दृढ़ था।

“तुम्हारे टुकड़े से तुम्हारी ताकत बढ़ती है—केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आत्मा की भी,” सेलान ने कहा। “यह तुम्हारी निष्ठा को मजबूत करेगा और तुम्हें जो सबसे महत्वपूर्ण है, उसकी रक्षा करने का साहस देगा।”

तीनों ने एक-दूसरे की ओर मुस्कान दी, उनका संबंध पहले से भी अधिक मजबूत हो चुका था।

Related posts

1 thought on “अधिभाव की पुरस्कार – अध्याय 12”

  1. […] नायला ने कहा, उसकी आवाज़ झील की हवा की तरहनरम थी। “आपकी यात्रा प्रकाश से […]

Leave a Comment