छायाओं को अपनाना-36

रिया ने गहरी सांस ली, उसका दिल भारी था लेकिन दृढ़ था। “मैंने गलतियाँ की हैं। मैं विफल हुई हूँ। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं एक विफल हूं। मैं अपने अतीत से परिभाषित नहीं होती। मैं उन निर्णयों से परिभाषित होती हूँ जो मैं अब लेती हूँ।” उसका प्रतिबिंब थम गया, उसका रूप अनिश्चितता से टिमटिमाया। “तुम अपनी विफलताओं के सच से बच नहीं सकती।” “मुझे इससे बचने की जरूरत नहीं है,” रिया ने दृढ़ता से उत्तर दिया। “मैंने अपने अतीत का सामना किया है, और अब … Continue reading छायाओं को अपनाना-36